हीट स्ट्रोक (लू लगना): लक्षण और बचाव के उपाय There are several symptoms of heat stroke."





 हीट स्ट्रोक (लू लगना): लक्षण और बचाव के उपाय


गर्मी के मौसम में तापमान जब 40 डिग्री सेल्सियस से ऊपर चला जाता है, तब लू चलने लगती है। ऐसे में शरीर का तापमान असामान्य रूप से बढ़ जाता है और अगर समय पर ध्यान न दिया जाए तो यह जानलेवा भी हो सकता है। इस स्थिति को हीट स्ट्रोक या आम भाषा में लू लगना कहते हैं। भारत जैसे गर्म और शुष्क जलवायु वाले देश में हर साल हजारों लोग हीट स्ट्रोक का शिकार होते हैं। इसलिए इसके लक्षणों को पहचानना और सही समय पर बचाव करना बहुत जरूरी है।


हीट स्ट्रोक क्या है?


हीट स्ट्रोक तब होता है जब शरीर का तापमान तेजी से बढ़ जाता है और वह अपने तापमान को नियंत्रित नहीं कर पाता। सामान्य रूप से शरीर का तापमान 37 डिग्री सेल्सियस (98.6°F) होता है, लेकिन जब यह 40 डिग्री सेल्सियस (104°F) या उससे अधिक हो जाए और पसीना आना बंद हो जाए, तो स्थिति गंभीर हो जाती है। यह शरीर के महत्वपूर्ण अंगों जैसे दिमाग, दिल और गुर्दे को नुकसान पहुंचा सकता है।


हीट स्ट्रोक  लक्षण  

हीट स्ट्रोक के कई लक्षण होते हैं जिन्हें नजरअंदाज करना खतरनाक हो सकता है। मुख्य लक्षणों में शामिल हैं:


तेज बुखार: शरीर का तापमान अचानक बहुत ज्यादा बढ़ जाता है।


चक्कर आना और बेहोशी: कमजोरी महसूस होना या अचानक होश खो बैठना।


त्वचा का लाल और गर्म होना: शरीर गर्म और सूखा महसूस होता है, क्योंकि पसीना आना बंद हो जाता है।


तेज धड़कन: दिल की धड़कन असामान्य रूप से तेज हो जाती है।


सिरदर्द: तेज और असहनीय सिरदर्द महसूस होना।


मांसपेशियों में कमजोरी या ऐंठन: खासकर पैरों और हाथों में।


उल्टी और मतली: पेट खराब होना या उल्टी आना।


चिड़चिड़ापन, भ्रम और दौरे: मानसिक स्थिति पर असर पड़ना।



अगर इन लक्षणों को नजरअंदाज किया जाए, तो हीट स्ट्रोक कोमा या मौत का कारण भी बन सकता है।


हीट स्ट्रोक से बचाव कैसे करें?


हीट स्ट्रोक से बचाव संभव है, अगर हम कुछ जरूरी सावधानियां अपनाएं। नीचे कुछ महत्वपूर्ण उपाय दिए गए हैं:


1. हाइड्रेटेड रहें


दिन भर में खूब पानी पीते रहें, भले ही आपको प्यास न लगे।


नींबू पानी, नारियल पानी, छाछ जैसे प्राकृतिक पेय भी लेते रहें।


कैफीन और शराब से बचें क्योंकि ये शरीर को डिहाइड्रेट कर सकते हैं।



2. धूप में जाने से बचें


दोपहर 12 बजे से शाम 4 बजे के बीच बाहर निकलने से बचें, क्योंकि इस समय धूप सबसे तीखी होती है।


अगर बाहर जाना जरूरी हो तो छाता, टोपी या स्कार्फ का उपयोग करें।



3. हल्के और ढीले कपड़े पहनें


हल्के रंगों वाले सूती कपड़े पहनें जो शरीर को सांस लेने दें।


तंग और गहरे रंग के कपड़ों से बचें क्योंकि ये गर्मी को सोखते हैं।



4. शरीर को ठंडा रखें


समय-समय पर चेहरे और शरीर पर पानी के छींटे मारें।


एयर-कंडीशन्ड या ठंडी जगहों पर ज्यादा समय बिताएं।



5. संतुलित आहार लें


हल्का, सुपाच्य और पौष्टिक भोजन करें।


ज्यादा तली-भुनी और भारी चीजें खाने से बचें, क्योंकि वे शरीर को गर्म कर सकती हैं।



6. बच्चों और बुजुर्गों का खास ध्यान रखें


छोटे बच्चों और बुजुर्गों में हीट स्ट्रोक का खतरा अधिक होता है।


उन्हें धूप से दूर रखें और पर्याप्त पानी पिलाते रहें।



7. वाहन में न छोड़ें


कभी भी बच्चों, बुजुर्गों या पालतू जानवरों को बंद वाहन में अकेला न छोड़ें। धूप में खड़ी कार का तापमान कुछ ही मिनटों में जानलेवा स्तर तक बढ़ सकता है।



हीट स्ट्रोक की स्थिति में क्या करें?


अगर किसी को हीट स्ट्रोक हो जाए, तो तुरंत निम्नलिखित कदम उठाएं:


मरीज को तुरंत ठंडी और छायादार जगह पर ले जाएं।


उसके शरीर पर ठंडे पानी की पट्टियां रखें या ठंडे पानी से स्नान कराएं।


उसे ठंडा पानी पीने के लिए दें, लेकिन जबरदस्ती न करें अगर वह बेहोश हो।


मरीज की सांस और होश की

 स्थिति पर नजर रखें।


अगर स्थिति गंभीर हो तो तुरंत डॉक्टर को बुलाएं या नजदीकी अस्पताल ले जाएं।

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